दोस्तों, इस पोस्ट में हम आपको BPD full form in Hindi, BPD ka full form क्या होता है, बीपीडी के लक्षण और उपाय क्या हैं और बीपीडी से सम्बंधित बहुत सी जानकरी देने वाले हैं पोस्ट को अंत तक ध्यान से पढ़ें।
आज के समय मे अक्सर लोग तनावग्रस्त जीवन जीते है जिससे मानसिक बीमारिया तेजी से विकसित होने लगी है और इन मानसिक बीमारियों की संख्या कम नहीं है। आज हम एक ऐसी मानसिक बीमारी के बारे मे आपको बताने वाले है जो बच्चों और टीनेजर मे सबसे ज़्यादा देखी जाती है और इसका नाम है BPD।
क्या आपने पहले BPD का नाम नहीं सुना है तो कोई बात नहीं, इस पोस्ट को आखिर तक पढ़ने के बाद आप BPD के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर लेंगे। यहाँ हम BPD Full Form In Hindi से लेकर इससे बचने के उपाय भी लेकर आए है तो चलिए बिना देर किये शुरू करते है हमारे आज के पोस्ट को।
BPD Full Form in Hindi (BPD का फुल फॉर्म क्या है?)
BPD का Full Form Borderline Personality Disorder है जिसे हिंदी मे सीमा व्यक्तित्व विकार कहा जाता है।
B: Borderline
P: Personality
D: Disorder
अब बात आती है कि BPD यानि कि सीमा व्यक्तित्व विकार क्या है तो आइये हम आपको इसका जवाब देते है।
BPD क्या है?
BPD एक ऐसी मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति अक्सर परेशान रहता है और हर एक छोटी समस्या को बड़ा समझ लेता है। कई बार स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि व्यक्ति वास्तविकता और भ्रम के बीच अंतर भी नहीं बता पता अर्थात खुद ही चीज़े इमेजिन करने लगता है।
ये बीमारी किसी भी आयु के लोगों को हो सकती है लेकिन ज्यादातर बच्चों और टीनेजर मे ये बीमारी गम्भीर समस्या पैदा करती है। अगर कोई व्यक्ति इस बीमारी से ग्रस्त हो जाता है तो उसकी भावनाए समय-समय पर बदलती रहती है और वह गुस्सा आना और चिड़चिड़ापन होना आदि समस्याओ से ग्रस्त हो जाता है।
समय पर इलाज़ ना होने के कारण व्यक्ति घातक कदम भी उठा सकता है जैसे कि स्थिति आत्महत्या तक पहुँच जाती है इसलिए इसका मेडिकल इलाज़ बहुत जरूरी है।आइये जानते है कि इस मानसिक बीमारी के विकसित होने के क्या कारण है।
बीपीडी विकसित कैसे होती है?
BPD के विकसित होने के कई कारण होते है जैसे कि आनुवंशिक कारण या पर्यावरण कारक। ज्यादातर मानसिक रोग तनावग्रस्त जीवन की वजह से होते है और BPD का एक कारण ये भी हो सकता है।
अगर कोई व्यक्ति लोगों से कटा- कटा रहता है मतलब अकेला रहता है तो ऐसे लोगों मे इस तरह की बीमारिया जल्दी होती है क्योंकि ऐसे लोग अपनी परेशानिया किसी के साथ साझा नहीं करते और बहुत ही तनाव मे रहते है।
कई बार ऐसा भी होता है कि व्यक्ति के दिमाग मे किसी हादसे का गहरा असर पड़ता है और वह घटना उनके दिमाग से निकलती नहीं है जो BPD का कारण बन सकती है।
ज्यादातर मानसिक बीमारी के बारे मे समय पर पता ना चल पाने के कारण इसका इलाज़ नहीं हो पाता और स्थिति गंभीर हो जाती है इसलिए जैसे ही BPD के लक्षण दिखाई दें, तुरंत मेडिकल इलाज़ के लिए जाना चाहिए।
लेकिन अब सवाल है कि इस मानसिक बीमारी के लक्षण क्या है? तो चलिए हम आपको बताते है।
बीपीडी के लक्षण क्या हैं?
BPD के बहुत सारे लक्षण है अगर आपको इनमे से कोई लक्षण दिखाई देते है तो आपको इलाज़ के लिए फ़ौरन जाना चाहिए:-
- BPD से पीड़ित व्यक्ति का मूड बहुत तेजी से बदलता है अर्थात वे कभी अच्छा महसूस करते है तो कभी बहुत ज्यादा परेशान हो जाते है।
- व्यक्ति को गुस्सा भी बहुत जल्दी आता है।
- स्वभाव मे चिड़चिड़ापन भी इसका एक सामान्य लक्षण है।
- व्यक्ति खुद को संभाल पाने मे असमर्थ होता है इसलिये खुद को नुकसान पहुँचाने का भी प्रयास कर सकता है।
- BPD से पीड़ित व्यक्ति लड़ने के लिए भी हमेशा तैयार रहते है क्योंकि ये खुद पर काबू नहीं रख पाते।
- BPD से पीड़ित व्यक्ति अक्सर डर का अनुभव करते है।
- ऐसा व्यक्ति किसी भी तरह का निर्णय लेने मे भी असमर्थ होता है।
- ऐसे व्यक्ति जो BPD से ग्रस्त होते है उनके रिश्तों मे भी अस्थिरता होती है क्योंकि ऐसे व्यक्ति किसी से भी अकारण नफ़रत करने लगते है।
आइये अब BPD की मुख्य वजह को भी जान लेते है।
बीपीडी (BPD) होने की मुख्य वजह?
जैसा कि हमने आपको बताया कि BPD होने की कई वजह हो सकती है जिसमे कुछ मुख्य वजह इस प्रकार है:-
आनुवंशिक कारण: आनुवंशिक बीमारी का मतलब होता है ऐसी बीमारिया जो माता-पिता से बच्चों मे आती है अर्थात यदि माता या पिता को BPD की बीमारी है तो ये आनुवंशिक रोग बच्चों को भी हो सकता है।
शरीर मे हार्मोन का असन्तुलन: यदि व्यक्ति के शरीर मे हार्मोन्स का असन्तुलन होता है तो भी ये BPD का कारण बन सकता है क्योंकि हार्मोन के असन्तुलन के कारण ही ज्यादातर व्यक्ति का मूड बदलता रहता है।
हादसा: कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति के साथ कुछ ऐसी घटनाये हो जाती है जो उनके दिमाग पर गहरा असर करती है और व्यक्ति उस असर से उभर नहीं पता या फिर व्यक्ति कोई ऐसी घटना होते देख लेता है जिससे वो बहुत ज्यादा शौक हो जाता है तो ऐसी स्थिति भी BPD जैसी मानसिक बीमारी होने का कारण बनती है।
बीपीडी से होने वाले नुकसान?
जैसा कि हमने आपको बताया कि BPD एक ऐसी गंभीर समस्या है जिसका समय पर इलाज ना होने पर यह बड़ा रूप धारण कर सकता है। BPD से ग्रस्त व्यक्ति अपने आप पर काबू खो देता है और कई बार यह स्थिति आत्महत्या तक पहुंच जाती है। BPD से मानसिक संतुलन बिगड़ने का खतरा उत्पन्न होता है जिससे व्यक्ति सही और गलत में फर्क भी नहीं कर पाता जिसके काफी गंभीर नुकसान हो सकते हैं।
ऐसे व्यक्ति जो BPD से ग्रस्त होते हैं उनका स्वभाव अक्सर बदलता रहता है और साथ ही वह भ्रम को भी वास्तविकता समझने लगते है।
बीपीडी से कैसे बचें?
बीपीडी के लक्षणों और नुकसान को देखने के बाद हमारे मन में यह सवाल आता है कि इससे बचने के कोई उपाय है या नहीं?
तो हम आपको बता दें कि बेशक इससे बचने के उपाय हैं जो कुछ इस प्रकार है:
- अगर आप BPD जैसी गंभीर बीमारी से बचना चाहते हैं तो आपको कोशिश करनी है कि आप तनाव से दूर रहें।
- आपको नेगेटिव वातावरण से दूर रहना होगा।
- आपको ज्यादा से ज्यादा समय परिवार वालोंं और दोस्तों के साथ बिताना चाहिए।
- कभी भी अकेलेपन मे ना रहें।
- ऐसे चीज़ों पर ध्यान केंद्रित करें जिनके बारे मे जानकर, सुनकर और देखकर आपको अच्छा महसूस होता है।
- अपनी हॉबी पर कंसंट्रेट करें जैसे कि अगर आपको संगीत सुनना पसंद है तो खाली समय में संगीत जरूर सुने।
- अपने मन में किसी भी बुरे विचार को आने से रोके और मनोरंजन जैसी चीजों में अपना मन लगाएं।
इन तरीकों को अपनाकर आप बीपीडी जैसे गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं।
BPD से जुड़े सवाल जवाब (FAQS)
प्रेगनेंसी में बीपीडी का मतलब क्या होता है?
प्रेगनेंसी में बीपीडी का मतलब Biparietal Diameter होता है जिसे हिंदी में द्विदलीय व्यास कहते हैं। यह गर्भवती महिला के बच्चे के सर का माप होता है, जो की गर्भवती महिलाओ के प्रेग्नन्सी के समय अल्ट्रासाउंड के द्वारा किया जाता है।
बीपीडी का क्या कारण है?
बीपीडी होने के कई कारण होते हैं जैसे की आनुवंशिक कारण – जो की बच्चो को माँ-बाप से होता है। शरीर मे हार्मोन का असन्तुलन होना, किसी तरह का हादसा होना या देख लेना इत्यादि।
निष्कर्ष – BPD Meaning in Hindi
दोस्तों, इस पोस्ट में हमने आपको बीपीडी क्या है, BPD full form in Hindi, BPD ka full form क्या होता है, बीपीडी के लक्षण, बीपीडी से कैसे बचें और बीपीडी से जुड़ी कई अन्य जानकारी शेयर की हैं। उम्मीद करते हैं पोस्ट आपको पसंद आई होगी और आपको इससे कुछ न कुछ हेल्प जरुर मिली होगी।
अगर आपका कोई सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं, हम जल्द से जल्द आपके सवाल का जवाब देने को कोशिश करेंगे। बाकी इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर शेयर करके दुसरे लोगो को भी इसकी जानकारी जरुर दें।
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