आज हम आपको बताएंगे ईसीजी फुल फॉर्म इन हिंदी (ECG Full Form In Hindi) क्या होता है? ECG के बारे में आपने पहले भी जरूर सुना होगा, लेकिन आज हम आपको इसकी विस्तृत जानकारी देने वाले हैं।
आज के समय मे मेडिकल के क्षेत्र ने काफी ज्यादा तरक्की कर ली है। आज हर तरह की गंभीर बीमारी के बारे में पता लगाने के लिए कई सारी मशीनें और तकनीक बनाए जा चुके हैं इसलिए आज के इस पोस्ट मे हम आपको एक ऐसी ही तकनीक के बारे में जानकारी देने वाले हैं जो मेडिकल क्षेत्र में काफी ज्यादा महत्वपूर्ण बन चुकी है।
बहुत कम लोग हैं जिन्हें ईसीजी फुल फॉर्म इन हिंदी (ECG Full Form In Hindi) की सारी जानकारी होती है। अगर आपको भी इससे सम्बंधित किसी तरह की जानकारी नहीं है तो इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप इस बारे में सब कुछ अच्छी तरह जान जाएंगे।
आपके मन में कई तरह के सवाल आ रहे होंगे जैसे कि ECG का फुल फॉर्म क्या है? ये क्या होता है? ECG मेडिकल के क्षेत्र में क्या भूमिका निभाता है? और इसे क्यों करवाया जाता है? आदि।
तो इन सभी सवालों के जवाब लेकर आज हम हाजिर हो चुके हैं। इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको ECG के बारे में जानने के लिए और कहीं जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इसलिए यहां बताई गई सारी जानकारी को ध्यानपूर्वक आखिर तक जरूर पढ़ें। तो चलिए बिना देर किए हुए आज का यह पोस्ट शुरू करते हैं और सबसे पहले आपको यह बताते हैं कि ईसीजी फुल फॉर्म इन हिंदी (ECG Full Form In Hindi) क्या है।
ECG Full Form in Hindi (ईसीजी का मतलब क्या है?)
यदि आप ECG के बारे में जानना चाहते हैं तो इससे पहले आपको ईसीजी (ECG) का फुल फॉर्म पता होना चाहिए। बहुत कम लोगों को इसका फुल फॉर्म पता होता है और अगर आप भी हमारी साइट पर ईसीजी (ECG) का फुल फॉर्म जानने के लिए आए हैं तो आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि ईसीजी का फुल फॉर्म Electrocardiogram (इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राम) होता है।
आपने इसके बारे में पहले कभी ना कभी जरूर सुना होगा क्योंकि मेडिकल के क्षेत्र में इसका जिक्र अक्सर होता ही रहता है। बहुत लोगों के मन में यह सवाल आ रहा होगा कि इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राम को हिंदी में क्या कहते हैं अर्थात ईसीजी का हिंदी फुल फॉर्म क्या है?
तो आपकी जानकारी के लिए हम यह बता देते हैं कि ECG का हिंदी अर्थ विद्युत यंत्र द्वारा ह्रदय की धड़कनों का रेखा चित्रण होता है।
अब इसके फुल फॉर्म से आप समझ गए होंगे कि आज हम किस बारे में बात करने वाले हैं तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और यह जानते हैं कि ईसीजी आखिर होता क्या है।
ECG क्या है?
जैसा कि आपने जाना कि ईसीजी का फुल फॉर्म इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राम अर्थात विद्युत यंत्र द्वारा ह्रदय की धड़कनों का रेखा चित्रण होता है। यदि हम इसे आसान शब्दों में परिभाषित करें तो ECG एक तरह का टेस्ट है जहां मरीज के दिल का टेस्ट किया जाता है और उसकी क्रियाकलाप का पता लगाया जाता है।
यहाँ कहने का मतलब यह है कि इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राम की मदद से दिल की बीमारी का पता लगाने का प्रयत्न किया जाता है। आज के समय में दिल की बीमारी होना आम बात हो चुकी है, ऐसे में आज के समय में इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राम काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
दिल का दर्द हो, उच्च रक्तचाप हो, सांस की बीमारी हो, घबराहट हो या बेहोशी जैसी समस्या हो और इसके अलावा चाहे दिल से संबंधित कोई भी बीमारी क्यों ना हो, इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राम के द्वारा इसका पता आसानी से लगाया जा सकता है।
इस टेस्ट की वजह से दिल की बीमारियों के बारे में चिकित्सकों को आसानी से पता चल जाता है और सही समय पर मरीज का इलाज किया जा सकता है। आपने कई बार लोगों को ऐसा कहते सुना होगा कि हमें अपने स्वास्थ्य के लिए ईसीजी टेस्ट बीच-बीच में करवाते रहना चाहिए, ताकि दिल से संबंधित किसी भी बीमारी के बारे में समय से पता चल सके और समय पर उसका इलाज किया जा सके।
अब आप यहाँ समझ सकते हैं कि यह टेस्ट काफी कारगर है। इसके अलावा आपके मन में और भी कई सारे सवाल आ रहे होंगे जैसे कि ECG के लाभ और नुकसान क्या हैं? और क्या इसे करवाने से किसी तरह का कोई रिस्क होता है?
तो आपकी जानकारी के लिए पहले तो हम ये बता दें की ईसीजी टेस्ट कराने में कोई रिस्क नहीं है बल्कि इसे समय-समय पर कराने से दिल की बीमारी का समय पर पता चल सकता है और इसमें दर्द भी नहीं होता है। इससे आपको अपने शरीर के क्रियाकलाप का पता चलता है इसलिए इसमें कोई भी जोखिम नहीं है।
वहीं यदि बात की जाए इससे मिलने वाले लाभ की तो जैसा कि आपने जाना कि इससे दिल की बीमारी का समय पर पता चल जाता है। इसके अलावा भी इसके कई लाभ हैं जैसे कि इससे आप अपने दिल की धड़कनों की दर को माप सकते हैं तथा ये पता लगा सकते हैं कि 1 मिनट में आपका ह्रदय कितनी बार धड़कता है। वहीं आपको यह भी पता चल जाएगा कि आपका ह्रदय स्वस्थ है या नहीं और अगर आपको इस टेस्ट के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या के बारे में पता चलता है तो आप उसका तुरंत इलाज करा सकते हैं।
हालांकि इसका कुछ दुष्परिणाम भी देखने को मिलता है। जैसा कि हमने आपको बताया कि इसमें बिल्कुल भी दर्द नहीं होता है लेकिन आपको इस बात की जानकारी भी होनी चाहिए इस टेस्ट के दौरान शरीर में इलेक्ट्रोड लगाया जाता है और जब उसे निकाला जाता है तो अक्सर उन जगहों पर सूजन आ जाती है।
अब आप अच्छी तरह समझ गए होंगे कि ईसीजी आखिर क्या होता है तो अब आपकी जानकारी के लिए हम यह भी बता देते हैं कि ECG टेस्ट कई प्रकार के होते हैं अर्थात इस टेस्ट को अलग-अलग स्तरों पर किया जाता है।
यदि आप ईसीजी के प्रकारों के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको अगले सेक्शन में दी गई जानकारी को ध्यान पूर्वक पढ़ना होगा। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि ECG के कितने प्रकार होते हैं और वह प्रकार कौन-कौन से हैं।
ECG के प्रकार?
जब बात इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राम जैसे टेस्ट की होती है तो आपको इसकी संपूर्ण जानकारी अवश्य होनी चाहिए ताकि यह टेस्ट कराने से पहले आप इसके बारे में सब कुछ अच्छी तरह जान सकें। वहीं इसके प्रकारों के बारे में जान लेना भी बेहद जरूरी है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ECG मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं जिन्हें रेस्टिंग ईसीजी, एम्बुलेटरी ईसीजी, स्ट्रेस और एक्सरसाइज ईसीजी के नाम से जाना जाता है:-
- Resting ECG
- Ambulatory ECG
- Stress or Exercise ECG.
आइए अब एक-एक करके इनके प्रकारों के बारे में आपको बताते हैं:-
1. Resting ECG :-
जैसा कि आप इसके नाम से समझ सकते हैं कि यह आराम करने की स्थिति में किया जाता है अर्थात रेस्टिंग ईसीजी के दौरान मरीज को आरामदायक स्थिति में बेड पर लेटने को कहा जाता है।
2. Ambulatory ECG :-
ईसीजी का दूसरा प्रकार एम्बुलेटरी ईसीजी है जिसमें मरीज को एक छोटी मशीन दी जाती है और उसे कमर पर पहनने को कहा जाता है। इस मशीन की मदद से चिकित्सक मरीज के हृदय पर निगरानी रखने का कार्य करते हैं। वे चाहे तो 1 या इससे ज्यादा दिनों के लिए उस मशीन को पहनने के लिए कह सकते हैं हालांकि इसमें मरीज को छोटे-मोटे कार्य करने में कोई दिक्कत नहीं होती है।
3. Stress or Exercise ECG :-
स्ट्रेस और एक्सरसाइज ईसीजी का उपयोग तब किया जाता है जब कोई मरीज ट्रेडमिल या व्यायाम बाइक का इस्तेमाल कर रहा है।
तो इन तीन तरह से ECG का टेस्ट किया जाता है लेकिन अब सवाल यह है कि ईसीजी आखिर क्यों कराया जाता है? तो आइए ये जानने के लिए अगले सेक्शन पर नजर डालते हैं।
ईसीजी क्यों करवाया जाता है?
ईसीजी एक महत्वपूर्ण टेस्ट है जिसके जरिए किसी मरीज के हृदय की बीमारियों के बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है। ईसीजी कराने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। डॉक्टर ईसीजी टेस्ट इसलिए करते हैं क्योंकि इससे उन्हें कई तरह की आवश्यक जानकारियां प्राप्त हो जाती है, जैसे कि:-
- किसी मरीज का ह्रदय सही तरीके से काम कर रहा है या नहीं ।
- उसकी गतिविधि ठीक चल रही है या नहीं।
- यदि मरीज किसी तरह की दवाई का सेवन कर रहा है तो उसका साइड इफेक्ट ह्रदय पर हो रहा है या नहीं आदि।
इसके अलावा आज के समय में दिल का दर्द एक आम बात हो चली है और कई बार यह दिल के दौरे का रूप ले लेता है इसलिए ईसीजी टेस्ट इसके लक्षण को पहचानने का कार्य करता है। इससे यह भी पता चल जाता है कि दिल की मांसपेशियों पर किसी तरह का कोई गलत प्रभाव तो नहीं पड़ रहा है।
इससे आप समझ सकते हैं कि ईसीजी टेस्ट की वैल्यू कितनी ज्यादा है। ईसीजी टेस्ट कराने के और भी कई कारण हैं जो कुछ इस प्रकार हैं:-
- ईसीजी टेस्ट का उपयोग चिकित्सक किसी मरीज के ह्रदय की जानकारी प्राप्त करने के लिए करते हैं जैसे कि उसके कक्षों की दीवार की मोटाई कितनी है आदि।
- कई स्थिति ऐसी भी होती हैं जिसमें मरीज के ह्रदय की धड़कन असामान्य रूप से चलने लगती है तब इसके लय का पता लगाने के लिए ईसीजी का टेस्ट किया जाता है।
- अगर किसी मरीज की कोई मेडिकल हिस्ट्री है जिसमें उसे दिल से संबंधित कोई बीमारी थी तो उसके बारे में सारी जानकारी प्राप्त करने के लिए ECG का टेस्ट किया जाता है।
- वहीं मधुमेह और रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति की जांच में भी ईसीजी टेस्ट किया जाता है।
ईसीजी टेस्ट की अहमियत आपको समझ आ गई होगी तो चलिए आगे बढ़ते हैं और ईसीजी टेस्ट की फीस के बारे में आपको बताते हैं।
ईसीजी टेस्ट की फीस?
यदि आप सोच रहे हैं कि ECG टेस्ट की फीस बहुत ज्यादा महंगी है तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। आप लोग जरूर जानना चाहेंगे कि ईसीजी टेस्ट की फीस कितनी होती है तो आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि आप बहुत ही कम पैसों में ईसीजी टेस्ट करा सकते है। हर हास्पिटल में इसकी फीस अलग-अलग हो सकती है लेकिन यदि बात करें इसकी औसतन फीस की तो सिर्फ 100 रुपये से लेकर 500 रूपये के बीच आप यह टेस्ट करा सकते हैं अर्थात अधिकतम आपको इस टेस्ट के लिए 500 रूपये देने होंगे।
ECG के अन्य फुल फॉर्म
ECG full form in Banking | Emerging Corporate Group |
ECG full form in NPS | Equity Corporate Bonds Government securities |
ECG full form in Biology | Electrocardiograph |
ECG full form in Hospital | Electrocardiogram |
Full form of ECG in Economics | Economy for the Common Good |
Full form of ECG in Commerce | E Commerce Group |
अन्य भाषा में ECG के फुल फॉर्म
ECG full form in Marathi | इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम |
ECG full form in Telugu | ఎలక్ట్రో కార్డియోగ్రామ్ |
ECG full form in Tamil | எலக்ட்ரோ கார்டியோகிராம் |
ECG full form in Malayalam | ഇലക്ട്രോകാർഡിയോഗ്രാം |
ECG full form in Gujarati | ઇલેક્ટ્રોકાર્ડિયોગ્રામ |
ईसीजी से जुड़े सवाल जवाब (FAQS)
ECG का पूरा नाम क्या है?
ECG का पूरा नाम Electrocardiogram है, इसे हिंदी में विद्युत यंत्र द्वारा ह्रदय की धड़कनों का रेखा चित्रण करना कहते हैं।
ईसीजी कब करवानी चाहिए?
जब घबराहट हो या सांस लेने में तकलीफ महसूस हो, दिल की धड़कन असामान्य रूप से घटने-बढ़ने लगे यानी की दिल से सम्बंधित बीमारी के लक्षण नज़र आयें तब आपको ईसीजी करवानी चाहिए।
ECG कैसे करते है?
आपके हाथ, पैरों और सीने पर छोटे इलेक्ट्रोड पैच लगाये जाते हैं। जिससे दिल की इलेक्ट्रिक एक्टिविटी को रिकॉर्ड किया जाता है। ईसीजी से आप अपना रेगुलर हेल्थ चेकअप भी करवा सकते हैं, लेकिन ECG दिल के रोग का पता लगाने की सबसे अच्छी और तेज़ जांच होती है।
ईसीजी जांच से क्या पता चलता है?
ईसीजी जांच से हृदय रोग का पता लगाया जाता है जैसे की दिल का दौरा, दिल के आकार का बड़ा होना या फिर दिल की धड़कन का असामान्य रूप से घटना बढ़ना।
निष्कर्ष – ECG Meaning in Hindi
दोस्तों, इस पोस्ट में हमने आपको ईसीजी (ECG) के बारे में जानकारी प्रदान की है, उम्मीद करते हैं यह पोस्ट आपको जरुर पसंद आई होगी और ECG ka full form, ECG full form in Hindi & English, ECG full form in Medical के बारे में काफी कुछ जानने के लिए मिला होगा।
अगर फिर भी पोस्ट से सम्बंधित आपका कोई सवाल है या आप कुछ पूछना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं हम जल्द से जल्द आपके कमेंट का रिप्लाई करने की कोशिश करेंगे।
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अंत में आपको बताना चाहेंगे की इस वेबसाइट पर हम हर एक केटेगरी से जुड़े फुल फॉर्म्स और उनके मीनिंग की जानकारी साझा करते हैं। अगर आप एक स्टूडेंट हैं या किसी भी एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं तो यह वेबसाइट आपके लिए काफी हेल्पफुल हो सकती है।
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