आज की पोस्ट में आपको पीओ के विषय में जानकारी प्राप्त होगी, यहाँ हमने पीओ क्या है, PO ka full form, PO full form in Hindi & English क्या होता है, पीओ कैसे बनें, पीओ के कार्य, जिम्मेदारियां और सैलरी क्या है इसकी सम्पूर्ण जानकारी साझा की है। पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए पोस्ट को अंत तक पूरा पढ़ें।

आज के समय में करियर बनाने के कई ऑप्शन आपको मिल जाएँगे लेकिन समस्या ये है कि इन ऑप्शन की सारी जानकारी हमारे पास नहीं होती जिसकी वजह से कई अवसर हमारे हाथ से निकल जाते हैं।

आज के इस पोस्ट में हम आपको एक ऐसे पोस्ट के बारे में बताने वाले हैं जिसकी जानकारी बहुत कम लोगों को होती है लेकिन यदि आप अपना करियर बनाना चाहते हैं तो यह आपके लिए बेस्ट करियर ऑप्शन हो सकता है। यह पोस्ट बैंकिंग से संबंधित है इसलिए जो लोग बैंक सेक्टर में काम करना चाहते हैं उनके लिए यह पोस्ट काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।

आज हम जिस पोस्ट की बात कर रहे हैं उसका नाम है पीओ (PO), क्या आपने कभी पीओ (PO) का नाम सुना है?

PO काफी ज्यादा लोकप्रिय और प्रतिष्ठित पद है, यदि आप इस पद में कार्यरत होना चाहते हैं तो इस पोस्ट को आखिर तक जरूर पढ़ें। यहां हम बताने वाले हैं पीओ का फुल फॉर्म (PO Ka Full Form) क्या है? इसके अलावा पीओ की संपूर्ण जानकारी भी हम आपको देने वाले हैं।

तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं आज का यह पोस्ट और सबसे पहले आपको बताते हैं पी ओ का फुल फॉर्म (PO Ka Full Form) क्या है।

PO Ka Full Form in Hindi (पीओ का मतलब क्या होता है?)

PO ka full form

पीओ बैंकिंग सेक्टर से संबंधित एक ऐसा पद है जिसका फुल फॉर्म Probationary Officer होता है, जिसका हिंदी उच्चारण प्रोबेशनरी ऑफिसर है और PO का हिंदी फुल फॉर्म परिविक्षाधीन अधिकारी होता है।

P: Probationary

O: Officer

इसे लेकर आपके मन में कई सवाल उठ रहे होंगे जैसे कि PO क्या है और PO बनने के लिए क्या करना पड़ता है? आदि।

तो यह जानने के लिए आपको आने वाले सेक्शन को ध्यान से पढ़ना होगा, यदि आप पीओ (PO) का पद प्राप्त करके अपना करियर बनाना चाहते हैं तो इसके अंतर्गत आपको कई तरह के लाभ भी मिलते हैं जिसकी जानकारी हम आगे साझा करेंगे। तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कि PO क्या है।

PO क्या है?

पी ओ का पूरा नाम प्रोबेशनरी ऑफिसर होता है जिसे हिंदी में परिविक्षाधीन अधिकारी कहा जाता है। इसके नाम से इसकी कार्य की जानकारी प्राप्त करना थोड़ा मुश्किल प्रतीत होता है इसलिए आसान शब्दों में हम आपको PO की जानकारी देने प्रस्तुत हुए हैं। 

प्रोबेशनरी ऑफिसर का पद उन कैंडिडेट को प्राप्त होता है जो बैंकों में अधिकारी के रूप में कार्य करते हैं। बैंकों द्वारा उन अधिकारियों को एंट्री लेवल का पद अर्थात प्रोबेशनरी ऑफिसर का पद प्रदान किया जाता है जो 2 वर्ष तक प्रोबेशन पीरियड के अंतर्गत कार्य करते हैं।

इसके अंतर्गत केवल एक क्षेत्र में नहीं बल्कि कई क्षेत्रों में कार्य किया जाता है, सीधे शब्दों में यहां 2 साल तक नए उम्मीदवारों को ट्रेनिंग प्रदान की जाती है और ट्रेनिंग पूरी होने के बाद किसी बैंक के ब्रांच में असिस्टेंट मैनेजर के रूप में कार्य सौंपा जाता है।

प्रोबेशनरी ऑफिसर बैंक के सहायक प्रबंधक होते हैं जिन्हें जूनियर मैनेजर भी कहा जाता है। जो उम्मीदवार प्रोबेशनरी ऑफिसर के लिए नियुक्त किए जाते हैं उन्हें इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग मैनेजमेंट प्रशिक्षण दिया जाता है।

पीओ बनने के लिए आपको इसकी चयन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है इसलिए इसकी जानकारी होना बहुत आवश्यक है कि PO कैसे बनते हैं। तो चलिए PO बनने की प्रक्रिया पर एक नजर डालते हैं।

PO कैसे बनें?

यदि आप बैंकिंग सेक्टर में कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आपके पास कुछ योग्यता भी होनी चाहिए, जैसे कि यदि आप इसकी परीक्षा में भाग लेना चाहते है तो आपकी उम्र 21-30 साल के बीच होनी चाहिए। हालांकि इस आयु सीमा में एससी, एसटी, पूर्व सैनिक और जम्मू-कश्मीर कोटा रखने वाले उम्मीदवारों को 5 साल की छूट और ओबीसी उम्मीदवारों को 3 साल की छूट प्रदान की गई है।

इसके अलावा उम्मीदवार की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता में यह निर्धारित है कि उम्मीदवार को स्नातक की पढ़ाई पूरी करनी होगी। यहाँ निर्धारित सभी योग्यता उम्मीदवार में होने पर वह परीक्षा में सम्मिलित हो सकता है।

इस पद के लिए हर साल सभी सरकारी और प्राइवेट बैंक में वैकेंसी निकलती रहती हैं और उम्मीदवारों के लिए हर साल भर्ती के लिए बैंक पीओ परीक्षा आयोजित करते हैं। 

इसमें भाग लेने वाले प्रमुख बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, पंजाब नेशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, आईसीआईसीआई बैंक, कोऑपरेटिव बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, सिंडिकेट बैंक और एचडीएफसी बैंक आदि हैं।

PO बनने के लिए आपको दो मुख्य परीक्षा से गुजरना होगा जिसमें पहला है एसबीआई पीओ (SBI PO) परीक्षा  और दूसरा है IBPS PO परीक्षा। जब आप इन दोनों तरह की परीक्षाओं से गुजरते हैं और इन्हें क्लियर कर लेते हैं तो आपको कई तरह की वैकेंसी के लिए अप्लाई करने का मौका मिलता है।

यहाँ अलग-अलग प्रकार की परीक्षा आयोजित की जाती हैं जैसे कि आईबीपीएस कई सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पीओ की भर्ती के लिए एक लिखित परीक्षा आयोजित करता है और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पीओ की भर्ती के लिए अलग परीक्षा आयोजित करता है।

यहां तीन चरणों में चयन की प्रक्रिया पूरी होती है। पहले दो चरणों में आपको लिखित परीक्षा देनी होती है जो प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के नाम से जानी जाती है और तीसरा चरण इंटरव्यू का होता है। यदि आप पहले दो चरणों को पार कर लेते हैं तो आपको तीसरे चरण अर्थात इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है,  जितने भी कैंडिडेट तीसरे चरण में सफल होते हैं उनके लिए एक मेरिट लिस्ट जारी होती है जिसके अनुसार पीओ की भर्ती की जाती है।

तो इस तरह आप पीओ की परीक्षा के लिए अप्लाई कर सकते हैं और प्रोबेशनरी ऑफिसर बन कर कई उच्च पद प्राप्त कर सकते हैं। जैसा कि आप समझ सकते हैं इसकी चयन प्रक्रिया को पार करना इतना आसान नहीं है वही इस कार्य को करने वाले उम्मीदवार के ऊपर कई प्रकार की जिम्मेदारियां भी होती है। आइए जानते हैं कि PO ऑफिसर को किस प्रकार के कार्यों का वर्णन करना होता है।

PO के कार्य और जिम्मेदारियां?

किसी भी पद में कार्यरत होने से पहले यह समझना बेहद जरूरी है कि उस पद में कार्य करते हुए आपको कौन से कार्य करने पड़ते हैं और कौन-कौन सी जिम्मेदारियों का वहन करना पड़ता है।

पीओ के भी कई सारे कार्य और जिम्मेदारियां होती है जो कुछ इस प्रकार है:-

  • प्रोबेशनरी ऑफिसर प्रोबेशन पीरियड के अंतर्गत कार्य करता है जो 2 साल का होता है इसलिए इस अवधि के अंतर्गत उसे किसी भी तरह का कार्य सौंपा जा सकता है जैसे कि क्लर्क या असिस्टेंट का कार्य।
  • इसके जरिए उनका परिचय बैंक के सभी कर्मचारियों से हो जाता है। इस प्रोबेशन पीरियड के अंतर्गत फाइनेंस, अकाउंटिंग, मार्केटिंग, बिलिंग, इन्वेस्टमेंट आदि की ट्रेनिंग प्रोबेशनरी ऑफिसर को दी जाती है।
  • इस दौरान पीओ को रूटीन वर्क जैसे कि स्क्रोलिंग, पोस्टिक, अकाउंटिंग आदि का कार्य भी सौंपा जा सकता है।
  • जब प्रोबेशनरी अधिकारी का प्रोबेशन पीरियड कंप्लीट हो जाता है तो बैंक की शाखा में असिस्टेंट बैंक मैनेजर के रूप में उसकी नियुक्ति हो जाती है, जहां लेनदेन, चेक पास करना, ड्राफ्ट जारी करना, कैश मैनेजमेंट आदि का सारा कार्य कैंडिडेट को देखना पड़ता है।
  • पीओ की कई सारी जिम्मेदारियां होती है जिसमें बिजनेस को आगे बढ़ाना प्रमुख है।
  • कैश फ्लो, लोन और फाइनेंस को मैनेज करने का कार्य PO करता है।
  • पीओ जनसंपर्क अधिकारी के रूप में भी कार्य करता है जहां ग्राहकों से मिलने वाली शिकायतों को हैंडल करना और ग्राहकों को आने वाली समस्याओं का निवारण करना पीओ का कार्य होता है।
  • जब उम्मीदवार को अच्छा खासा अनुभव इस क्षेत्र में हो जाता है तो बैंक द्वारा प्लानिंग, बजटिंग, मार्केटिंग, लोन प्रोसेसिंग एंड अप्रूवल, इन्वेस्टमेंट, मैनेजमेंट आदि का कार्य सौंप दिया जाता है।
  • इसके अलावा PO की जिम्मेदारी यह भी होती है कि वह बैंक में मैनेजर के कार्य भी संभाले जैसे कि बैंक को मिलने वाले लाभ के डिसीजन लेना और कैश बैलेंस का प्रबंध करना पीओ की जिम्मेदारी होती है।
  • किसी प्रकार के लोन संबंधित सभी डॉक्यूमेंट की ज़िम्मेदारी पीओ की होती है।
  • एटीएम कार्ड जारी करना, चेक बुक जारी करना, डिमांड ड्राफ्ट जारी करना आदि सारे कार्य पीओ के द्वारा किए जाते हैं।

इस तरह के प्रमुख कार्य PO करता है।

PO की सैलरी?

यदि आप पीओ के अंतर्गत अपना करियर बनाना चाहते हैं तो इसके अंतर्गत कई तरह की संभावनाएं आपको मिलती है। आप चाहे तो इस पद में कार्य करते हुए मैनेजिंग डायरेक्टर या चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर के पद तक पहुंच सकते हैं। यहां सैलरी भी प्रत्येक पद के अनुसार आपको प्राप्त होती है। यहां असिस्टेंट मैनेजर, डिप्टी मैनेजर, ब्रांच मैनेजर, सीनियर ब्रांच मैनेजर, चीफ मैनेजर, असिस्टेंट जनरल मैनेजर, डिप्टी जनरल मैनेजर, जनरल मैनेजर की पोस्ट प्राप्त कर सकते हैं जहां सैलरी भी पद के अनुसार ही आपको प्राप्त होती है। हालाकि PO की बेसिक सैलरी 23,700 रुपये है।

PO के अन्य फुल फॉर्म
PO full form in Company/InvoicePurchase Order
PO full form in JobProbationary Officer
PO full form in PoliceProclaimed Offender

PO से जुड़े सवाल जवाब (FAQS)
बैंक पीओ का फुल फॉर्म क्या होता है?

बैंक पीओ का फुल फॉर्म प्रोबेशनरी ऑफिसर होता है, जिसे हिंदी में परिविक्षाधीन अधिकारी कहा जाता है।

बैंक में पीओ की सैलरी कितनी होती है?

बैंक में पीओ की बेसिक सैलरी 23,700 रुपये होती है।

निष्कर्ष – PO Meaning in Hindi

दोस्तों, इस पोस्ट में हमने आपको PO के बारे में सम्पूर्ण जानकर साझा की है पीओ क्या है, PO ka full form (PO full form in Hindi & English) क्या होता है, पीओ कैसे बनें और पीओ के कार्य और जिम्मेदारियां क्या हैं। उम्मीद करते हैं पोस्ट आपको पसंद आई होगी और PO के बारे में आपको बहुत कुछ जानने के लिए मिला होगा।

अगर पोस्ट से जुड़ा आपका कोई सवाल है या फिर आप कुछ पूछना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं, हम जल्द ही आपके कमेंट का रिप्लाई करने की कोशिश करेंगे।

अन्य पढ़ें:-