दोस्तों, इस पोस्ट में आपको ROE की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त होने वाली है ROE क्या है, ROE का फुल फॉर्म, ROE full form in Hindi & English क्या होता है, ROE कैसे कैलकुलेट करें इत्यादि।
यदि आपने कभी शेयर मार्केट के बारे में सुना है या आपने कभी शेयर मार्केट में निवेश किया है तो आपको वहां ROE के बारे में पता चला होगा। इसका नाम सुनने के बाद सबसे पहले आपके मन में क्या सवाल आया?
यही ना कि ROE फुल फॉर्म इन हिंदी (ROE Full Form in Hindi) क्या है?
बहुत से ऐसे लोग हैं जो ROE के फुल फॉर्म के बारे में अक्सर सर्च किया करते हैं इसलिए आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको ROE की जानकारी प्रदान करने वाले हैं। इस पोस्ट में हम ROE से संबंधित बहुत सारी महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आए हैं इसलिए इस पोस्ट को आखिर तक जरूर पढ़ें।
यह पोस्ट आपके लिए बहुत ज्यादा उपयोगी साबित होने वाली है क्योंकि यहां हम आपको ROE फुल फॉर्म इन हिंदी (ROE ka Full Form) की जानकारी तो देंगे ही इसके अलावा ROE क्या है? और यह किस तरह काम करता है? यह भी आप अच्छी तरह समझ पाएंगे।
यहाँ पर आपको ROE की सारी जानकारी बहुत ही आसान शब्दों में समझाई जाएगी इसलिए यह जरूरी है कि यहां बताई गई सारी जानकारी को आप ध्यान से पढ़ें। बहुत से लोगों के मन में ROE को लेकर कई सवाल भी होंगे जो इस पोस्ट को पढ़ने के बाद बिल्कुल साफ हो जाएंगे, तो चलिए आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले यह जान लेते हैं कि ROE फुल फॉर्म इन हिंदी क्या है।
ROE Full Form in Hindi (आरओई का फुल फॉर्म क्या है?)
यहां आप जान चुके होंगे कि हम जिस ROE की बात कर रहे हैं वह शेयर मार्केट में काफी महत्वपूर्ण विषय है इसलिए आपको शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले इसकी संपूर्ण जानकारी जरूर होनी चाहिए। वैसे तो ROE के कई सारे फुल फॉर्म आपको मिल जाएंगे लेकिन यहां हम जिस ROE की बात कर रहे हैं उसका फुल फॉर्म रिटर्न ऑन इक्विटी (Return On Equity) होता है।
क्या आपने पहले इसके बारे में कभी सुना है? यदि नहीं तो आपको यह जान लेना चाहिए कि रिटर्न ऑन इक्विटी शेरहोल्डर्स के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है और ROE का हिंदी फुल फॉर्म इक्विटी पर वापसी होता है।
अब आपको इसका फुल फॉर्म तो पता चल गया है लेकिन क्या आप ये समझ पाए हैं कि ROE क्या होता है?
इसकी विस्तृत जानकारी पाने के लिए आपको अगले सेक्शन में दी हुई जानकारी को ध्यान पूर्वक पढ़ना होगा तो चलिए अगले सेक्शन पर चलते हैं और यह जानते हैं कि ROE आखिर क्या है।
ROE क्या है?
ROE को रिटर्न ऑन इक्विटी कहा जाता है जो कि एक वित्तीय प्रदर्शन की माप होती है। बहुत से लोगों के मन में यह सवाल आ रहा होगा कि रिटर्न ऑन इक्विटी से आखिर होता क्या है? तो आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि रिटर्न ऑन इक्विटी ही शेरहोल्डर्स की इक्विटी और उनकी इनकम को अलग-अलग करने के लिए उपयोग में लाई जाती है। इसका मतलब यह है कि रिटर्न ऑन इक्विटी से यह पता चलता है कि किसी भी शेयर होल्डर के जरिये कोई कंपनी कितना रिटर्न प्राप्त कर रही है।
सीधे शब्दों में यह किसी भी कंपनी या संगठन के लाभ को दर्शाता है। जब कोई निवेशक शेयर मार्केट में निवेश करता है तो उससे पहले वह कंपनी की रिटर्न ऑन इक्विटी के इतिहास की जानकारी प्राप्त करता है जिससे उसे यह समझने में आसानी होती है कि कोई कंपनी कितना अच्छा प्रदर्शन कर रही है इसलिए यदि आप भी शेयर मार्केट में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो यह आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कारक हो सकता है।
बहुत से लोग रिटर्न ऑन इक्विटी को रिटर्न ऑन नेट वर्थ या फिर रिटर्न ऑन शेरहोल्डर्स के रूप में भी जानते हैं। यहां आपको इस बात की जानकारी भी होनी चाहिए कि ROE को प्रतिशत के रूप में निकाला जाता है, आइए इसे निकालने के फार्मूले पर भी एक नजर डालते हैं।
ROE का फार्मूला
किसी भी कंपनी में रिटर्न ऑन इक्विटी की गणना करने के लिए एक फार्मूला इस्तेमाल किया जाता है और वो फार्मूला कुछ इस प्रकार है:-
रिटर्न ऑन इक्विटी = नेट इनकम / शेरहोल्डर्स फंड
इसका मतलब यह है कि किसी भी कंपनी की रिटर्न ऑन इक्विटी की गणना के लिए उस कंपनी की नेट इनकम और शेरहोल्डर्स फंड बहुत ही महत्वपूर्ण तथ्य होते हैं।
किसी कंपनी का नेट इनकम निकालने के लिए इस फार्मूला का उपयोग किया जाता है-
नेट इनकम = कर से पहले की आय – आयकर
वहीं यदि किसी शेरहोल्डर्स फंड की गणना करनी हो तो उसके लिए जो फार्मूला उपयोग किया जाता है वह कुछ इस प्रकार है-
शेयर होल्डर फंड = टोटल ऐसेट – टोटल लायबिलिटी
यहां आपको यह भी जानना जरूरी है कि जब रिटर्न ऑन इक्विटी को कैलकुलेट किया जाता है तो उसके लिए औसत विधि का उपयोग किया जाता है क्योंकि इससे अधिक सटीक परिणाम प्राप्त होते हैं।
ROE के फायदे?
ROE के अपने ही कुछ महत्वपूर्ण फायदे हैं जिससे निवेशकों को किसी कंपनी और उसके द्वारा किए गए प्रदर्शन की जानकारी मिलती है।
आईये जानते हैं कि ROE के फायदे क्या हैं:-
- रिटर्न ऑन इक्विटी की मदद से कंपनी कितना लाभ कमा रही है इसकी जानकारी निवेशक को पता चलती है।
- इससे निवेशकों की विश्वसनीयता बढ़ती है क्योंकि रिटर्न ऑन इक्विटी के जरिए यह पता चलता है कि कोई कंपनी अपनी इक्विटी का उपयोग किस प्रकार कर रही है और उसमें वृद्धि हो रही है या नहीं।
- जब किसी कंपनी का ROE बढ़ता है तो इससे यह पता चलता है कि वह कंपनी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है और उसमें निवेश किया जा सकता है, वही जब ROE कम होती है तो इससे यह पता चलता है कि वह कंपनी सही निर्णय नहीं ले रही है।
- ROE की गणना औसत रूप से की जाती है जिसके जरिए कंपनी की सही स्थिति निवेशकों को पता चलती है।
इस तरह ROE बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
ROE के अन्य फुल फॉर्म
ROE full form in Military | Rules of Engagement |
ROE full form in BSF | Record of Evidence |
ROE full form in Banking/Invoice/Share Market/Finance | Return on Equity |
ROE full form in Law | Rules of Engagement |
ROE से जुड़े सवाल जवाब (FAQS)
ROE का मतलब क्या है?
ROE का मतलब रिटर्न ऑन इक्विटी (Return On Equity) है।
शेयर मार्केट में ROE क्या होता है?
शेयर मार्केट में ROE का मतलब Return On Equity होता है।
निष्कर्ष – ROE Meaning in Hindi
दोस्तों, इस पोस्ट में हमने आपको ROE की सम्पूर्ण जानकारी दी है, आरओई क्या है (ROE kya hota hai), ROE ka full form, ROE full form in Hindi & English, ROE full form in share market क्या होता है, आरओई का फार्मूला और फायदे क्या हैं इस बारे में डिटेल में बताया है। उम्मीद करते हैं यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी और ROE full form in Stock Market का पूरा ज्ञान मिला होगी।
अगर फिर भी आपका कोई सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं, हम जल्द से जल्द आपके कमेंट का रिप्लाई करेंगे। बाकी आप इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर साझा करके और भी लोगों को इसकी जानकारी दे सकते हैं।
अन्य पढ़ें:-