दोस्तों, आज की पोस्ट में हम आपको Tax ka full form क्या है, Tax full form in Hindi & English क्या होता है, टैक्स कितने प्रकार के होते हैं और देश के नागरिक को टैक्स क्यों देना पड़ता है इसकी जानकारी देने वाले हैं, सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए पोस्ट को अंत तक ध्यान से पढ़ें।
Tax (टैक्स) के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा क्योंकि किसी न किसी सर्विस पर किसी न किसी प्रकार का टैक्स हमें जरूर अदा करना पड़ता है। आपने भी किसी प्रकार का टैक्स जरूर दिया होगा लेकिन क्या आप जानते हैं टैक्स का फुल फॉर्म (Tax Ka Full Form) क्या होता है?
यदि नहीं, तो आज कि यह पोस्ट आपके लिए काफी फायदेमंद है क्योंकि यहां हम टैक्स का फुल फॉर्म (Tax Ka Full Form) तो आपको बताएंगे, साथ ही आप जानेंगे कि टैक्स क्या है? और यह कितने प्रकार का होता है?
यदि आप टैक्स का भुगतान कर रहे हैं तो आपको यह जानना बेहद जरूरी है कि वह टैक्स किस लिए वसूला जा रहा है और इन सबकी महत्वपूर्ण जानकारी आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं।
इसलिए जरूरी है कि आप इस पोस्ट को आखिर तक पढ़ें।
टैक्स एक ऐसा विषय है जिसके बारे में आए दिन हम सुनते ही रहते हैं लेकिन बहुत कम लोग ऐसे हैं जो टैक्स का फुल फॉर्म जानते हैं और क्योंकि टैक्स हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण शब्द है इसलिए यह जानना बेहद जरूरी है कि टैक्स का फुल फॉर्म क्या है और टैक्स का मतलब क्या होता है, तो चलिए सबसे पहले हम जानते हैं कि टैक्स का फुल फॉर्म क्या है।
Tax Ka Full Form in Hindi (टैक्स का फुल फॉर्म क्या है?)
टैक्स के फुल फॉर्म के बारे में यदि आपने कभी सर्च किया होगा तो आपको इसका जवाब मिल गया होगा लेकिन यदि आपको नहीं पता कि टैक्स का फुल फॉर्म क्या होता है तो हम आपको बता दें कि टैक्स का फुल फॉर्म टैक्सेशन (Taxation) होता है।
बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो इसका हिंदी फुल फॉर्म जानना चाहते हैं तो हम ऐसे लोगों को भी बताना चाहते है कि टैक्स का हिंदी फुल फॉर्म कराधान होता है जिसे सामान्य रूप से कर कहा जाता है।
अब यह तो समझ आ जाता है कि टैक्स का फुल फॉर्म क्या है लेकिन क्या आप जानते हैं टैक्स क्या होता है? यदि नहीं तो चलिए अगले सेक्शन में हम आपको इसकी संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।
Tax क्या है?
आप यह तो समझते हैं कि किसी ना किसी सर्विस के जरिए सरकार हमसे टैक्स वसुलती है लेकिन यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि टैक्स क्या है।
हमारे देश की अर्थव्यवस्था को व्यवस्थित रूप से चलाने के लिए और मजबूत बनाने के लिए जिन योजनाओं का संचालन किया जाता है उसके लिए सरकार को पूंजी की आवश्यकता होती है। यह ऐसी योजनाएं हैं जो देश के नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने, उन्हें लाभान्वित करने और देश के सही विकास के लिए संचालित की जाती है।
इन योजनाओं के संचालन के लिए सरकार को जिस पूंजी की आवश्यकता होती है वह देश के नागरिकों से वसूली जाती है, इसे ही टैक्स या फिर कर कहते हैं।
बहुत लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि क्या सरकार को यह अधिकार है कि वह देश के विकास के लिए नागरिकों से ही कर वसूल सकती है?
तो हम आपको बता दें कि भारत के संविधान में भारत सरकार को यह शक्ति प्रदान की गई है की वह देश के नागरिकों से टैक्स वसूल सकती है और यह टैक्स केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाया जाता है। नागरिकों से जो कर वसूले जाते हैं उसका मुख्य उद्देश्य देश का विकास है जहां बुनियादी ढांचे को बेहतर रूप से बनाने और देश के नागरिकों को लाभान्वित करने के लिए कई स्तरों पर कार्य किए जाते हैं।
अब आप समझ गए होंगे कि टैक्स क्या है लेकिन क्या आप जानते हैं कि टैक्स कितने प्रकार के होते हैं?
यदि नहीं तो अगले सेक्शन में इसका जवाब हम लेकर आए हैं।
Tax के प्रकार?
जैसा कि आपने जाना कि सरकार देश की अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए टैक्स वसूलती है। लेकिन टैक्स कितने प्रकार के होते हैं इसकी जानकारी ज्यादातर लोगों को नहीं है।
तो हम आपको बता दें कि जो भी सरकारी खर्च की जरूरत होती है उसकी आपूर्ति के रूप में दो तरह से टैक्स वसूला जाता है जिसमें पहला है प्रत्यक्ष कर और दूसरा है अप्रत्यक्ष कर।
आइए एक-एक करके टैक्स के इन प्रकारों का विवरण आपको देते हैं:-
प्रत्यक्ष कर:-
प्रत्यक्ष कर को अंग्रेजी भाषा में डायरेक्ट टैक्स कहा जाता है और इस कर के अंतर्गत नागरिकों से इनकम टैक्स अर्थात आयकर वसूला जाता है। आप जरूर जानते होंगे कि सरकार ने नागरिकों की इनकम के आधार पर कुछ नियम बनाए हैं जिसके तहत नागरिकों से इनकम टैक्स वसूला जाता है।
इन नियमों के मुताबिक उन नागरिकों से सरकार टैक्स लेती है जिनकी आए निर्धारित की गई सीमा से ऊपर हो अर्थात जो टैक्स देने के लायक हो। इसके अंतर्गत व्यक्तिगत करदाता, कंपनियों, संयुक्त परिवारों, फर्म, संस्थाओं और संगठनों को शामिल किया गया है।
जितनी ज्यादा आमदनी होती है उतना ज्यादा इनकम टैक्स सरकार को अदा करना पड़ता है। इसे डायरेक्ट कर इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह इनकम पर डायरेक्ट ही लिया जाने वाला कर है, हालाकि कृषि से संबंधित आय को इनकम टैक्स के डायरी से बाहर रखा गया है।
अप्रत्यक्ष कर:-
अप्रत्यक्ष कर को अंग्रेजी भाषा में इनडायरेक्ट टैक्स कहा जाता है जिसके अंतर्गत राज्य के द्वारा किए जा रहे खपत, आयात, निर्यात और उत्पादन पर लगाए जाने वाले कर शामिल है। इसे सीधे नागरिकों की इनकम से नहीं वसूला जाता बल्कि उपभोक्ता और सरकार के बीच उपस्थित रिटेल स्टोर या मध्यस्थ द्वारा वसूला जाता है।
यह मध्यस्थ ही नागरिकों से कर वसूलते हैं और टैक्स रिटर्न के रूप में सरकार को देते हैं। यह कर मुख्य रूप से उत्पादों की कीमत बढ़ाकर वसूला जाता है।
उदाहरण के लिए मान लीजिए आप किसी उत्पाद को खरीद रहे हैं तो रिटेल स्टोर का मालिक इन उत्पाद की कीमत बढ़ाकर आपसे जो पैसे वसुलता है वही आपके द्वारा दिया जाने वाला अप्रत्यक्ष कर होता है जिसे राजस्व की वृद्धि के रूप में देखा जाता है।
सीधे शब्दों में कहें तो यह एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने वाला स्थानांतरित कर होता है। अप्रत्यक्ष कर में यह नहीं देखा जाता कि कौन अमीर है या कौन गरीब, यह कर दोनों पर ही समान रूप से लागू किया जाता है।
तो इस तरह प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर टैक्स के कुछ प्रमुख प्रकार है, हालांकि इसके अलावा भी कुछ एक्स्ट्रा टैक्स नागरिकों से वसूले जाते हैं जैसे कि प्रॉपर्टी टैक्स, प्रोफेशनल टैक्स, एंटरटेनमेंट टैक्स, कॉर्पोरेट टैक्स आदि।
अब सवाल यह है कि इन करो को सरकार वसुलती क्यों है? चलिए इसका जवाब भी हम आपको देते हैं।
देश के नागरिक को टैक्स क्यों देना पड़ता है?
जैसा कि आपने जाना कि सरकार द्वारा इन टैक्सों को देश के विकास के लिए वसूला जाता है। यहां सरकार उन लोगों से टैक्स वसुलती है जिन्हें वे नागरिक सेवा उपलब्ध कराती है।
यहाँ कहने का मतलब यह है कि सरकार जो भी सुविधा नागरिकों को उपलब्ध करा रही है उसमें पूंजी की आवश्यकता होती है और उस व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए देश के नागरिकों को टैक्स देना पड़ता है। इसके अंतर्गत सड़क, बिजली, पानी आदि खर्चों के अलावा सुरक्षा और प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने के लिए भी टैक्स के द्वारा पूंजी की आपूर्ति की जाती है।
देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बने और देश का विकास अच्छी तरह हो सके यही सरकार का मुख्य उद्देश्य होता है, जिसमें देश के नागरिकों की अहम भूमिका होती है और देश के नागरिक अपनी भूमिका टैक्स देकर निभाते हैं जिसका उपयोग नागरिकों को ही लाभान्वित करने के लिए किया जाता है।
TAX से जुड़े सवाल जवाब (FAQS)
टैक्स का मतलब क्या होता है?
टैक्स का मतलब टैक्सेशन (Taxation) होता है, जिसे हिंदी भाषा में कर कहते हैं।
भारत में कितने प्रकार के टैक्स लगते हैं?
भारत में 2 प्रकार के टैक्स लगते हैं प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर।
निष्कर्ष – Tax Meaning in Hindi
दोस्तों, इस पोस्ट में हमने आपको टैक्स क्या है, Tax ka full form क्या होता है, Tax full form in Hindi & English क्या है, टैक्स कितनी तरह के होते हैं और हर एक नागरिक को टैक्स क्यों देना पड़ता है इसकी पूरी जानकारी दी है। उम्मीद करते हैं पोस्ट आपको पसंद आई होगी और टैक्स के बारे में आपको काफी कुछ जानने के लिए मिला होगा।
पोस्ट से जुड़ा आपका कोई सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं, हम जल्द ही आपके कमेंट का रिप्लाई करेंगे। बाकी आप दुसरे लोगो को इस पोस्ट को शेयर करके उन्हें भी टैक्स के बारे में सही जानकरी दे सकते हैं।
अन्य पढ़ें:-