यहाँ आपको टीबी से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त होगी, टीबी क्या है, TB ka full form in Hindi & English क्या होता है, टीबी के लक्षण, उपचार और प्रकार क्या हैं इन सभी की जानकारी आपको विस्तार में मिलेगी, पोस्ट को अंत तक ध्यान से पढ़ें।
आज के समय में हर मनुष्य किसी न किसी बीमारी से संक्रमित है फिर चाहे वह शारीरिक या मानसिक क्यूँ ना हो। यह बीमारियां अक्सर सही समय पर इलाज न होने पर गंभीर रूप धारण कर लेती है इसलिए हर एक बीमारी का इलाज समय पर हो यह बहुत जरूरी है।
किसी मनुष्य में बीमारी का पता तब चलता है जब उसमें उस बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं और तभी उसका इलाज समय पर हो सकता है इसलिए आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको एक ऐसी बीमारी के बारे में बताने वाले हैं जिसका इलाज समय पर होना बहुत जरूरी होता है, इसके अलावा इसके लक्षण की जानकारी भी आपको यहाँ दी जाएगी।
जिस गंभीर बीमारी की बात हम कर रहे हैं उस बीमारी का नाम है – टीबी (TB), टीबी एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में आपने कभी ना कभी जरूर सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि TB का फुल फॉर्म (TB Ka Full Form) क्या है?
यदि नहीं तो इस पोस्ट को आखिर तक जरूर पढ़ें यहाँ हम आपको TB का फुल फॉर्म बताने वाले हैं। इसके अलावा TB क्या है? TB के लक्षण क्या हैं? और इसका इलाज क्या हो सकता है? इसकी संपूर्ण जानकारी भी हम आपको प्रदान करने वाले हैं।
तो चलिए बिना देर किए हुए हम सबसे पहले आपको टीबी का फुल फॉर्म (TB Ka Full Form) बताते हैं।
TB Ka Full Form in Hindi & English (टीबी फुल फॉर्म क्या है?)
टीबी का फुल फॉर्म बहुत कम लोगों को पता होता है लेकिन यह एक खतरनाक बीमारी है, इसलिए सभी को इसके बारे में जानकारी होना आवश्यक है।
TB का फुल फॉर्म ट्यूबरक्लोसिस (Tuberculosis) होता है जिसका हिंदी अर्थ क्षय रोग, यक्ष्मा है या फिर आम भाषा में इसे लोग तपेदिक के नाम से भी जानते हैं। तपेदिक का नाम सुनकर कहीं ना कहीं आप समझ गए होंगे की यह कौन सी बीमारी है लेकिन अभी भी बहुत लोग हैं जो इसके बारे में नहीं जानते।
क्या आप जानते हैं कि टीबी आखिर है क्या? यदि नहीं तो आने वाले सेक्शन को ध्यान से जरूर पढ़ें।
TB क्या है? (TB Meaning in Hindi)
टीबी का पूरा नाम ट्यूबरक्लोसिस होता है जिसे आम भाषा में तपेदिक या क्षय रोग कहा जाता है।
टीबी एक संक्रामक बीमारी होती है जो आज तेजी से एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में फैलती जा रही है इसलिए आपको इसकी संपूर्ण जानकारी होना बहुत आवश्यक है ताकि यदि इसके लक्षण आपको दिखाई दें तो आप तुरंत इसका इलाज करा सके।
टीबी एक ऐसा रोग है जो माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु की वजह से फैलता है जो मुख्य रूप से आपके फेफड़े को प्रभावित करता है। यदि समय पर इसका इलाज ना हो तो मनुष्य के फेफड़े पूरी तरह खराब हो सकते हैं, हालांकि यह शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित करता है जैसे कि ब्रेन, यूट्रस लीवर, किडनी आदि।
आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि टीबी के लक्षण क्या हैं? तो यह जानने के लिए आपको इस पोस्ट में आखिर तक बने रहना होगा।
ट्यूबरक्लोसिस एक आम बीमारी बनती जा रही है जिसका मुख्य कारण मनुष्य की गलत आदतें होती है जैसे कि नशा करना आदि। जैसा कि हमने आपको बताया टीबी एक संक्रामक रोग है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है तो आपको इस बात का ध्यान होना चाहिए कि टीबी हवा के जरिए बहुत तेजी से फैलता है इसलिए अगर आपके आस-पास का कोई व्यक्ति इस बीमारी से संक्रमित है तो आपको उससे जितना हो सके उतना दूर रहना चाहिए।
इसके रोकथाम की टिप्स भी हम आपको आगे प्रदान करेंगे, तो चलिए अब जानते हैं कि टीबी के प्रकार क्या होते हैं।
TB के प्रकार?
टीबी एक ऐसी बीमारी है जो मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है, आइए इनके बारे में विस्तार से हम आपको बताते हैं:-
लेटेंट ट्यूबरक्लोसिस: यदि व्यक्ति लेटेंट ट्यूबरक्लोसिस से संक्रमित है तो यह मनुष्य की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय होने से रोकती है। यह काफी खतरनाक बीमारी है क्योंकि इसके लक्षण जल्दी से दिखाई नहीं देते हालांकि यह बीमारी फैलती नहीं है, लेकिन यदि इसका इलाज मनुष्य समय पर नहीं कराता तो यह सक्रिय रूप धारण कर सकता है। इसलिए यदि किसी भी तरह के लक्षण आपको दिखाई देते हैं तो आप तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
सक्रिय ट्यूबरक्लोसिस: जब सक्रिय ट्यूबरक्लोसिस मनुष्य के शरीर में मौजूद होता है तो इस स्थिति में मनुष्य के शरीर में बैक्टीरिया विकसित हो रहे होते हैं और धीरे-धीरे मनुष्य को इसके लक्षण भी दिखने लगते हैं। यह दूसरे मनुष्य में फैलने वाली बीमारी है जो दो प्रकार से मनुष्य के शरीर में पाई जाती है।
आइए सक्रिय ट्यूबरक्लोसिस के प्रकारों पर भी एक नजर डालते हैं:-
सक्रिय ट्यूबरक्लोसिस का पहला प्रकार है पलमोनरी ट्यूबरक्लोसिस जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है और ट्यूबरक्लोसिस का प्राथमिक रूप होता है। इसके ज्यादातर मामले बच्चों और बड़ों में नजर आते हैं।
सक्रिय ट्यूबरक्लोसिस का दूसरा प्रकार है एक्स्ट्रा पलमोनरी ट्यूबरक्लोसिस जो फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य हिस्से जैसे कि हड्डियों, किडनी और लिंफ नोड को प्रभावित करता है। यह ट्यूबरक्लोसिस उन मरीजों को प्रभावित करता है जिन मरीजों की प्रतिरक्षा प्रणाली सक्रिय नहीं होती।
TB के लक्षण?
किसी भी बीमारी के बारे में हमें तब पता चलता है जब हमारे अंदर उस बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं और आप उसका इलाज तभी कर पाएंगे जब उसके लक्षण की जानकारी आपके पास होगी तो आइए जानते हैं कि टीबी के कौन-कौन से लक्षण होते हैं:-
- यदि आपको 3 सप्ताह से अधिक समय तक खांसी की समस्या हो रही है तो यह ट्यूबरक्लोसिस का एक लक्षण हो सकता है।
- यदि आपको सांस फूलने या सांस लेने में तकलीफ होना जैसी समस्या हो रही है तो यह भी टीबी का एक लक्षण है।
- शाम को अचानक बुखार आ जाना।
- सीने में दर्द होना।
- यदि अचानक आपका वजन घटने लगता है तो यह भी टीबी की समस्या हो सकती है।
- यदि आपको भूख नहीं लग रही तो भी आपको टीबी का परीक्षण कराना चाहिए।
- लगातार खांसी आना इसका मुख्य लक्षण है।
- यदि आप जल्दी थक जा रहे हैं या आपको बार-बार बुखार आने जैसी समस्या हो रही है तो भी ये टीबी का एक लक्षण हो सकता है।
- इसके अलावा कुछ मामलों में लकवा होना, पेट में दर्द होना, ग्रंथियों में स्थिर सूजन होना, डायरिया, पीठ में अकड़न, हड्डियों में दर्द, जल्दी थकान, भ्रम होना, लंबे समय तक सर में दर्द होना या दौरा पड़ना आदि भी इसके लक्षण के रूप में दिखाई देते हैं।
अब सवाल उठता है कि आखिर कैसे टीबी का इलाज किया जा सकता है तो चलिए इसकी जानकारी भी हम आपको देते हैं।
TB के उपचार?
टीबी का इलाज समय पर ना हो तो यह गंभीर रूप धारण कर लेता है और क्योंकि यह संक्रामक बीमारी है इसलिए इसका जल्दी से जल्दी इलाज और रोकथाम करना बहुत ज्यादा जरूरी हो जाता है।
यदि आप टीबी का इलाज करना चाहते हैं तो आपको इसके लक्षण दिखते ही तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए सही समय पर सही इलाज करके टीवी जैसी गंभीर बीमारी से छुटकारा प्राप्त किया जा सकता है।
इसके अलावा इसके रोकथाम के लिए आपको निम्नलिखित बचाव करने होंगे:-
- यदि आपको लंबे समय से खांसी की समस्या हो रही है तो तुरंत किसी चिकित्सक से संपर्क करें।
- इस बात का ध्यान रखें कि यदि आपके आस-पास कोई व्यक्ति टीबी की बीमारी से संक्रमित है तो उसके आस-पास ना जाए और यदि आप उसके आसपास जाते हैं तो मास्क जरूर लगाएं।
- कभी भी टीबी की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के बिस्तर, रुमाल आदि का उपयोग नहीं करना चाहिए।
- ट्यूबरक्लोसिस हवा से फैलने वाली एक गंभीर बीमारी है इसलिए यदि आपके आस-पास कोई व्यक्ति खास रहा है तो अपने मुंह को रूमाल से ढक ले या मास्क लगाकर रखें।
- आपको विटामिंस, मिनरल्स, कैल्शियम और फाइबर से भरपूर खान-पान का सेवन करना चाहिए क्योंकि टीबी आप की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय नहीं होने देती इसलिए मिनरल्स, विटामिन और प्रोटीन आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने का कार्य करेंगी।
- जिस भी व्यक्ति को टीबी की बीमारी है उसे सार्वजनिक स्थानों से दूर रखना चाहिए ताकि और कोई व्यक्ति टीबी की बीमारी से संक्रमित ना हो।
TB के अन्य फुल फॉर्म
TB full form in Chat | Text Back |
TB full form in Computer | Terabyte |
TB full form in Electrical | Tandem Circuit Breaker |
TB full form in Social Media/Instagram/Facebook | Throwback Thursday |
अन्य भाषा में टीबी के फुल फॉर्म
TB full form in Marathi | क्षयरोग |
TB full form in Telugu | క్షయవ్యాధి |
TB full form in Tamil | காசநோய் |
TB full form in Punjabi | ਟੀ.ਬੀ |
TB full form in Malayalam | ക്ഷയരോഗം |
टीबी से जुड़े सवाल जवाब (FAQS)
मनुष्यों में टीबी का क्या कारण है?
टीबी एक खतरनाक बीमारी है, जो की माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु की वजह से होती है।
टीबी का इलाज कितने दिन चलता है?
टीबी का इलाज 6 महीने से 2 साल तक चल सकता है।
टीबी रोग को हिंदी में क्या कहते हैं?
टीबी रोग को हिंदी में क्षय रोग, यक्ष्मा या फिर तपेदिक भी कहा जाता है।
निष्कर्ष – TB full form in Medical in Hindi
दोस्तों, यहाँ हमने आपको टीबी बीमारी की सम्पूर्ण जानकारी साझा की है जिसमे हमने आपको टीबी क्या है, TB ka full form (TB full form in Hindi & English), TB Meaning in Hindi क्या होता है, टीबी के प्रकार, लक्षण और उपचार क्या हैं इस बारे में बताया है। उम्मीद करते हैं यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी और टीबी के बारे में काफी कुछ जानने के लिए मिला होगा।
इन्टरनेट पर लोग टीबी के बारे में कई तरह से सर्च करते हैं जैसे की TV bimari ka full form, TV rog ka full form, T.B full form क्या है, तो आपकी जानकारी के लिए बतादें इन सभी का फुल फॉर्म Tuberculosis ही है।
अगर आप भी चाहते हैं की यह बीमारी किसी को न हो या फिर हो गयी है तो वह इसकी रोकथाम सही ढंग से कर पाए, इसके लिए इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर जरुर शेयर करें जिससे किसी व्यक्ति की जान बच सकती है।
अगर आपका कुछ पूछना चाहते हैं तो हमें कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं, हम जल्द ही आपके कमेंट का रिप्लाई करेंगे।
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